तना छेदक Stem Borer की रोकथाम [Dawa Rice, Maize] | Stem Borer In Hindi Insecticide Chemical Control

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तना छेदक जिसे अंग्रेजी में Stem borer कहते हैं फसलों में एक आम समस्या बन गई है जिससे किसान हर समय परेशान रहता है क्योंकि यह पौधों में अटैक करता है तो पूरा पौधों में फैल जाता है और आखिरी स्टेज में पौधे की मृत्यु भी हो जाती है जिससे काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है।

इसके कीट चावल के दाने के समान दिखता है जो तने में छेद करके नुकसान पहुंचाता है तो इसके निपटारे के लिए कई किसान जैविक विधि का उपयोग करते हैं।

और कई किसान कीटनाशक का उपयोग करते हैं जिससे इसका आसानी से निपटारा हो जाता है तो अगर आप के फसल में Tana chhedak हो जाता है।

तो बस निगरानी करनी पड़ती है और जैसे ही दिखे तो तुरंत Stem Borer का निपटारा कर देने के बाद कोई नुकसान नहीं होता तो आइए इसके बारे में डिटेल में जानने का प्रयास करते हैं।

तना छेदक क्या है (Stem borer kya hai)

यह पौधों की तनों में होने वाली बीमारी है जो बहुत जल्द ही एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलता रहता है।

यह कीट लाल भूरे व सफेद शरीर वाले होते हैं जो पौधों की तनों में छेद करके अंदर अंदर खाता रहता है जिससे पौधा कुछ दिनों में खोखला हो जाता है और अंततः पौधे की मृत्यु हो जाती है।

यह कीट पत्तियों और पत्तियों के सिरों पर हमला करता है और इसकी साइज की बात करें तो पूर्ण विकसित कीट 20 मिमी लंबा होता है जो गुच्छो में अपनी संख्या को बढ़ाता है जिससे पूरे फसलों में बहुत जल्दी इसके प्रकोप देखने को मिलता है।

तना छेदक के लक्षण

अगर आप अपने फसल में इसके लक्षण को जान लिए और 1, 2 तना छेदक पौधों में दिखने पर तुरंत एक्शन लेते हैं तो आप बच सकते हैं।

इसके लारवा अंदर से पौधो के तने को खाते रहते हैं जिससे तना सूखा दिखने लगता है उसके बाद कुछ दिनों में पीला दिखाई पड़ता है उसके बाद तना लाल कलर का हो जाता है और पौधा मर जाता है तो इस तरह से तना छेदक का लक्षण हम जान सकते है।

धान मे स्टेम बोरर (Stem borer in rice)

तना छेदक धान की फसल में एक सबसे बड़ी समस्या हो गई है क्योंकि इसके कीट के आक्रमण से सारे फसल जल्दी से नष्ट होने लगते हैं इसका प्रभाव धान के फसल में काफी ज्यादा देखने को मिलता है तो ऐसे में मैंने नीचे कुछ नियंत्रण के उपाय बताए हैं जिसे आप आजमा कर तना छेदक से निजात पा सकते हैं।

जैविक विधि से नियंत्रण

Stem Borer को रोकने के लिए जैविक विधि का उपयोग करना काफी कारगर सिद्ध हो सकता है।

इसके लिए आप नीम का तेल उपयोग कर सकते हैं या फिर नेपियर सूडान जैसी घासो को फसलों के आसपास लगा सकते हैं क्योंकि यह घास लारवा को आकर्षित करता है जिससे किट घासो में ही चिपक कर रुक जाता है और पौधों तक नहीं आ सकता तो इन दोनों विधियो को आप उपलोग कर सकते हैं।

रासायनिक विधि द्वारा नियंत्रण

फसलों में tana chedak को रोकने के लिए आजकल सबसे ज्यादा रासायनिक विधि (Chemical Control) का उपयोग होने लगा है क्योंकि इससे काफी जल्दी और अच्छे रिजल्ट देखने को मिलता है।

तो इसके लिए आप डिमेथोएट का प्रयोग या एंडोसल्फान का उपयोग कर सकते हैं।

इसके अलावा दानेदार कीटनाशी कार्बोफ्यूरान, फोरेट का प्रयोग कर सकते है।

धान की फसल के लिए Chlorantraniliprole 18% SC की मात्रा 60ml प्रति एकड़ के हिसाब से कर सकते है।

Fipronil 80% WG-20 ग्राम प्रति एकड़

Flubendiamide 39 की 20 ml मात्रा एकड़।

तो इन रासायनिक दवाइयो का उपयोग आप कर सकते है।

तो दोस्तों यह रही स्टेम बोरर के बारे में संक्षिप्त जानकारी क्योंकि यह सबसे ज्यादा Rice, Maize, Bajra और भी बहुत सारे फसलों में होता है जिससे फसल पूरी तरह नष्ट हो जाता है तो अगर आपको Stem borer in hindi की जानकारी पसंद आई है तो कमेंट में जरूर बताएं और जानकारी लोगों के साथ शेयर भी करें।

आपका प्रेम पूर्वक धन्यवाद,

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