अब किसानो की सबसे बड़ी चुनौती मजदूरों की समस्या | Majdur Ki Samasya Kisan

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आज के दौर में दिनों दिन मजदूरों की समस्या आती जा रही है हर क्षेत्र में अब मजदूरी सबसे बड़ा खर्चा हो गया है।

और सबसे बड़ी परेशानी यह है कि कई एरिया में Majdur मिलते ही नहीं है जिससे हर तरह से लोग परेशान हैं और मिलती भी है तो इतनी ज्यादा महंगाई हो गई है कि सामान्य किसान कई बार मजदूरी देने में भी सक्षम नहीं हो पाता।

क्योंकि हमने कई एरिया में देखे हैं 500 से 600 तक मजदूरी दर हो चुकी है फिलहाल कई एरिया में मजदूर तो मिल जाते हैं लेकिन महंगाई हर एरिया में बनी हुई है।

इसका सबसे बड़ा कारण है दिनों दिन किसानी काम में आय का कम होना और हर क्षेत्र में महंगाई बढ़ती जा रही है जिस कारण से मजदूरी भी काफी ज्यादा हो गया है अब कोई भी काम में मजदूरी दर पूरे खर्चे का एक चौथाई हिस्सा ले लेता है पहले ऐसा नहीं था।

मजदूर मिलता ही नहीं

कई एरिया में ऐसा हो गया है कि मजदूर खोजने में भी नहीं मिलता और कई बार मजदूर मिलते भी हैं तो उनको कितनी भी कीमत दे दो वह आने को तैयार नहीं होते हैं ।

ऐसा हाल सभी तरफ हो गया है हमें लगता है कि हमारे एरिया में ही मजदूर की समस्या है लेकिन देखा जाए तो यह समस्या हर एरिया में हो चुका है और अब कई किसान मजदूर को परमानेंट रखने लग गए हैं उसके खाने, पीने, रहने की व्यवस्था कर देते हैं जिससे उनकी समस्या का हल हो जाता है।

मजदूर ना मिलने का कारण

अब हम बात करते हैं मजदूर ना मिलने की क्या-क्या कारण हो सकते हैं मजदूर ना मिलने का एक सबसे बड़ा कारण है लोगों का गांव से शहर की ओर जाना क्योंकि आजकल शहरों में रहने वाले लोग ज्यादातर ग्रामीण ही है।

हर शहर में लगभग 1 महीने में 2 हजार से ज्यादा परिवार जाकर बस जाते हैं चाहे वह दिल्ली हो, मुंबई हो, बेंगलुरु, हैदराबाद हो हर शहर का यही हाल है इसी कारण Majdur ki samasya आ रही है।

इसका और सबसे बड़ा कारण महंगाई का बढ़ना भी है क्योंकि आज के समय में हर क्षेत्र में महंगाई बढ़ चुकी है जिससे परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल हो गया है ।

जिसके कारण मजदूरी रेट बढ़ चुकी है और लोगों को हर समय काम भी नहीं मिल पाता इसी कारण काम की खोज में शहर की ओर लोग पलायन करते जा रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार मजदूरों की समस्या बढ़ती जा रही है और जो मजदूर एक बार शहर चला गया उसको ग्रामीण क्षेत्रों की मजदूरी समझ नहीं आती इसीलिए उनको ज्यादा रेट देना पड़ता है और फिर लगातार काम नहीं मिल पाने के कारण फिर से शहर की ओर चले जाते हैं यही सबसे बड़ा कारण है मजदूर ना मिलने का।

आगे क्या हो सकता है

मजदूर की समस्या को देखते हुए लगता है कि यह आगे चलकर और भी विकराल रूप धारण कर सकता है क्योंकि अभी से कई क्षेत्रों में किसानी मजदूरी दर 500 से 600 तक चली गई है और आज के समय में किसानी का एक चौथाई खर्चा Majduri की ही हो गई है।

उसके बाद दवाई का खर्चा, मशीनों का खर्चा इससे किसानों की आय भी पूरी तरह से नीचे चली गई है और मजदूरी की समस्या आ खड़ी हुई है तो यह समस्या आगे चलकर और भी बढ़ने वाली है।

तो दोस्तों आपके एरिया में क्या हाल है आपके क्षेत्रों में मजदूरों की कितनी समस्या है मजदूरी दर कितनी हो गई है हमें कमेंट के माध्यम से बताना बिल्कुल भी ना भूले और आपको जानकारी पसंद आई है तो लोगों के साथ शेयर भी जरूर करें ।

आपका प्रेमपूर्वक धन्यवाद,

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